Recently I met my PUC friends through whats app group. You won't believe , I could hardly remember few of them when the group started . Now enjoying with them to the core . So, thinking about all these things wrote this poem .
पढाई का एक पडाव पार कर चुके थे
दूसरे पडाव मे जा चुके थे
पढाई इतनी मुश्किल भी नहीं थी
लेकिन पढाई मे कोई दिलचस्बि नहीं थी
हम्हे खेद है पढाई के साथ हमने दोस्तों पे भी ध्यान नहीं दिया
जब सालों बाद उनसे मिले तो एक भी चेहरा याद नहीं आया
तो क्या हुआ तब बात नहीं किया तो
जब की वो मौका फिर से मिला हो
अब रोज़ मिल के ढेर सारी बातें करेंगे
उन लम्हो को फिर से जीने की कोशिश करेंगे
दूसरे पडाव मे जा चुके थे
पढाई इतनी मुश्किल भी नहीं थी
लेकिन पढाई मे कोई दिलचस्बि नहीं थी
हम्हे खेद है पढाई के साथ हमने दोस्तों पे भी ध्यान नहीं दिया
जब सालों बाद उनसे मिले तो एक भी चेहरा याद नहीं आया
तो क्या हुआ तब बात नहीं किया तो
जब की वो मौका फिर से मिला हो
अब रोज़ मिल के ढेर सारी बातें करेंगे
उन लम्हो को फिर से जीने की कोशिश करेंगे
इस बार हमने है थामा
फिर से करेंगे हंगामा
- रेविना
- रेविना
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