Friday 31 January 2014

मन की बात और गबराहट !!!!!!!


जब भी बैठथी हूँ लिखने गाना 
जब भी चाहती हूँ की बात आप को बताना 
दिल में घबराहट सी होने लगती है 
एक अजीब बेचैनी सी मेहसूस होती है 
क्या दोस्त पढ़ेंगे मेरी मन की बात 
या नज़र अंदाज़ कर देंगे मेरी कविता 
क्या दोस्त जानपायेंगे मेरे दिल का हाल 
या करेंगे कोई सवाल। ... 
मेरा इरादा था मेरी दिल की बात आप तक पहुँचाने का 
इसलिए फिर से मैंने सहारा लिया कविता का 
क्या करें ? हम कविता लिखने से अपने आप को रोख नहीं पाते 
बहुत दिन चुप रहकर अपने दोस्तों को खोना नहीं चाहते 

-रेविना 

Wednesday 1 January 2014

HAPPY NEW YEAR FRENZZ (2014) !!!!!!!


HI FRENZZ, HAPPY NEW YEAR TO ALLLLLLLLLLLLL...A POEM WRITTEN BY ME ON DIS BEAUTIFUL OCCASION....


बीत गया है साल पुराना 2013 
फिर से आया है आप के जीवन में नया सवेरा 
इस बार आया है नया साल 2014 
इस साल आपके जीवन में  न हो कोई बाधा 
आप हसते रहे मुस्कुराते रहे ख़ुशी ख़ुशी रहे 
और  दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करें 
कोई न करे किसी से लड़ाई झगड़ा अत्याचार 
सब मिल बांट कर प्यार से रहो यार
अपनी छोटी प्यारी सी ज़िंदगी खुलकर जीना 
आपका  स्वाभिमान कभी मत खोने देना 
क्यों की सभी को है अपनी ज़िंदगी जीने का हक़ 
नया साल हो आपको मुबारक 

-रेविना