जब ल़ोग करीब होतें हैं तो
उनका कदर नहीं होता
उनका फिक्र न हीं होता
उनका जि़क्र नही होता
जब लोग दूर चले जातें हैं तो
उनको याद किया जाता है
उनका खयाल आता रहता है
उनको पूछा जाता है
जिंदगी की ये कैसी दस्तूर है ?
लोग साथ होते हैं तो उन्हे तोलते हैं
लोग दूर जाते हैं तो वो अनमोल लगते हैं
उनका कदर नहीं होता
उनका फिक्र न हीं होता
उनका जि़क्र नही होता
जब लोग दूर चले जातें हैं तो
उनको याद किया जाता है
उनका खयाल आता रहता है
उनको पूछा जाता है
जिंदगी की ये कैसी दस्तूर है ?
लोग साथ होते हैं तो उन्हे तोलते हैं
लोग दूर जाते हैं तो वो अनमोल लगते हैं
- रेविना
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