Tuesday, 18 June 2013

बचपन !!!!!!

शायद लौट आये वो बीतें हुए दिन 
हम सबका प्यारा सा बचपन 
याद आ रहा है मुझे हर दिन 
बचपन में खेला हुआ वो आंगन 

मेरी वो प्यारी सी नन्ही सी गुड़िया 
बनाती थी जिसके लिए मैं लेहंगा चोलियाँ 
जिसका मनाती थी मैं अक्सर जनम दिन 
और वो होता था केक और मिठाई के बिन 

वो मीठी सी लाल लाल आइस कैंडी 
जो हुआ करती थी बहुत ठंडी ठंडी 
तब होते थे उसके  सिर्फ पाँच पैसे 
अब तक  खाया कैंडी खाया नहीं है वैसे 

क्या मैं जी सखूंगी फिर से अपना बचपन 
यही ख़याल आता है मेरे मन में हर दिन 
काश कोई ऐसा जादू करना जानता 
जो मेरे बीते हुए बचपन को लौटाता 

- रेविना 



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