Tuesday 21 November 2017

*कभी छाँव तो कभी धूप*

A poem written by me for women's day👆 Happy women's day to al to al lovely, energetic, forever young ladies here 💐😘

नारी के जीवन के अनेक रूप
कभी छाँव तो कभी धूप
हर नारी सच मे है एक फूल
कोई गुलाब तो कोई कमल
कभी उसका जीवन कांटों से भरा
कभी उसका जीवन खीचड मे.खिला
कभी उसका जीवन मेहका हुआ मोगरा
कभी उसका जीवन जुडा हुआ गजरा
सबकी है अपनी अपनी खासीयत
सबकी है अपनी अपनी एहमीयत
- रेविना

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