Tuesday, 14 July 2015

पहला प्यार और पहली बारिश !!!!!!!

I always felt, what i liked most is that hurted me most. It may be person, moments , place or anything...so  when i thought of writing a poem about it, i got these two examples....first rain & first love...so, tried to describe it through poem. 


पहला प्यार और पहली बारिश एक जैसे होते हैं 
इसमें जितना चाहे भीग जाने को जी चाहता है 
पागलों की तरह दिल नाचने को करता है 
प्यार भरे गानों को मन गुन गुनुनाना चाहता है 
पहली बारिश की मिठ्ठी की खुशबू  औऱ प्यार एक जैसा होता है 
जिसे मन हर घडी आसमाना चाहता है 
पानी की टपकती बूँदें और प्यार से तड़पता मन एक जैसे होते हैं 
जो हर घडी हम्हे किसी की याद दिलाती रहती है 
बारिश मे भीग कर इन्सान मज़ा तो लेता है फिर बीमार पड़ता है 
प्यार में आदमी ख़ुशी तो पाता है बाद में दुःख भी झेलना पड़ता है 
लेकिन सच तो सब जानते हैं कोई इनकार भी नहीं है  करता
फिर भी सब का मन एक  बार बारिश में भीगने का प्यार करने का है करता 
कुदरत का करिश्मा ही ऐसा जो चीज़ हम्हे सबसे ज़्यादा सुख देती है 
बाद में वही चीज़ हम्हे सबसे ज़्यादा दुःख पहुँचाती है 

                                                                                            - रेविना 

4 comments:

  1. baarish chez hi aisi hai ki paani barasane ke saat saath har koi purani meethi aur kadvi yadon ko tez karti hai.
    bahut khoob likha hai aapne.

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    1. bahut bahut shukriya VKK mam...sahi kaha aapne :))))))

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  2. do purane gaane yaad aati hain mjhe
    Leke pahla pah la pyar bhark le ankhon mein kumhaar jadoo nagri se aya hai jkoi jadoogar

    and

    Zindagi bhar na bhoolenge vo barsaat ki raat ek anjaan haseena se mulakaat ki raat

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    1. Oh! nyc to kno my simple poem reminded u 2 beautiful hindi film songs Vasanth mam...i m honoured :)))))

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