Wednesday, 29 April 2015

मोड़ !!!!!!

Actually, we meet so many peoples in our life...but some stays in your life or in your heart for ever. They bring some changes in your life for good. So, thinking of them wrote this poem. I met so many such people in my life ! thank you God for sending them into my life. 


ज़िंदगी के इस सफर में बहुत ही ऐसे मोड़ आतें हैं 
न जाने हम किस वक़्त किस मोड़ पे खड़े होतें हैं 
कोई नहीं जानता कब किस अजनबी से मुलाकात होती है 
और वह अजनबी कब किस मोड़ पे अपना बन जाता है 
कभी दोस्त तो कभी प्यार कभी साथी तो कभी यार 
कभी कुछ और तो कभी कुछ और 
लेकिन रहता है हमेशा हमारे दिल में 
और आसरा देता है हुम्हे मुश्किल में 
हमारे ज़िन्दगी ने हमेशा खूबसूरत मोड़ लिया है 
हमेशा अजनबियों को दुश्मन कम दोस्त ज़्यादा बनाया है 

                                                                        - रेविना 

No comments:

Post a Comment